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#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम #संगरिया #राजस्थान #पंजाब #हरियाणा#देखना साथ हीं छूटे न #बुजुर्गों 👴👵का कहीं ,पत्ते🌿☘️ पेड़ों पर लगे हों तो हरे रहते हैं |🌳#अंतर्राष्ट्रीय_वृद्धजन_दिवस 🌺पर सभी देवतुल्य बुजुर्गों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं |🌹सुख ,समृद्धि और स्वाभिमान को संजोनेवाले बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है उनका सम्मान करें।नतमस्तक नमन🌺💐☘️🌹💐🎖️🙏🙏🙏समस्त देशवासियों को ‘विजयादशमी’ की हार्दिक शुभकामनाएं।बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का यह महापर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा व प्रेरणा का संचार करे। देशवासियों को विजय के प्रतीक-पर्व विजयादशमी की बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि यह पावन अवसर हर किसी के जीवन में साहस, संयम और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आए।#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम #संगरिया #राजस्थान #पंजाब #हरियाणा#देखना साथ हीं छूटे न #बुजुर्गों 👴👵का कहीं ,पत्ते🌿☘️ पेड़ों पर लगे हों तो हरे रहते हैं |🌳#अंतर्राष्ट्रीय_वृद्धजन_दिवस 🌺पर सभी देवतुल्य बुजुर्गों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं |🌹सुख ,समृद्धि और स्वाभिमान को संजोनेवाले बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है उनका सम्मान करें।नतमस्तक नमन🌺💐☘️🌹💐🎖️🙏🙏🙏#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम #संगरिया #राजस्थान #पंजाब #हरियाणा#देखना साथ हीं छूटे न #बुजुर्गों 👴👵का कहीं ,पत्ते🌿☘️ पेड़ों पर लगे हों तो हरे रहते हैं |🌳#अंतर्राष्ट्रीय_वृद्धजन_दिवस 🌺पर सभी देवतुल्य बुजुर्गों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं |🌹सुख ,समृद्धि और स्वाभिमान को संजोनेवाले बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है उनका सम्मान करें।नतमस्तक नमन🌺💐☘️🌹💐🎖️🙏🙏🙏ईश्वर कौन है ?कौन चलाता है यह दुनियां को ??? कहाँ है ईश्वर??तुम माँ के पेट में थे नौ महीने तक, कोई दुकान तो चलाते नहीं थे,फिर भी जिए।हाथ—पैर भी न थे कि भोजन कर लो,फिर भी जिए।श्वास लेने का भीउपाय न था,फिर भी जिए।नौ महीने माँ के पेट में तुम थे,कैसे जिए?तुम्हारी मर्जी क्या थी?किसकी मर्जी से जिए?फिर माँ के गर्भ से जन्म हुआ, जन्मते ही, जन्म के पहले ही माँ के स्तनों में दूध भर आया,किसकी मर्जी से?अभी दूध को पीनेवालाआने ही वाला है किदूध तैयार है,किसकी मर्जी से?गर्भ से बाहर होते हीतुमने कभी इसके पहलेसाँस नहीं ली थी माँ के पेट मेंतो माँ की साँस से हीकाम चलता था—लेकिन जैसे ही तुम्हेंमाँ से बाहर होने काअवसर आया,तत्क्षण तुमने साँस ली,किसने सिखाया?पहले कभी साँस ली नहीं थी,किसी पाठशाला में गए नहीं थे,किसने सिखाया कैसे साँस लो?किसकी मर्जी से?फिर कौन पचाता है तुम्हारे दूध कोजो तुम पीते हो,और तुम्हारे भोजन को?कौन उसे हड्डी—मांस—मज्जा में बदलता है?किसने तुम्हें जीवन कीसारी प्रक्रियाएँ दी हैं?कौन जब तुम थक जाते होतुम्हें सुला देता है?और कौन जब तुम्हारीनींद पूरी हो जाती हैतुम्हें उठा देता है?कौन चलाता है इन चाँद—सूर्यों को?कौन इन वृक्षों को हरा रखता है?कौन खिलाता है फूलअनंत—अनंत रंगों केऔर गंधों के?इतने विराट का आयोजनजिस स्रोत से चल रहा है,एक तुम्हारी छोटी—सी जिंदगीउसके सहारे न चल सकेगी?थोड़ा सोचो,थोड़ा ध्यान करो।अगर इस विराट के आयोजन कोतुम चलते हुए देख रहे हो,कहीं तो कोई व्यवधान नहीं है,सब सुंदर चल रहा है,सुंदरतम चल रहा है;ईश्वर दिखता नही बल्कि दिखाता हैईश्वर सुनता नही बल्कि सुनने की शक्ति देता हैसंसार में कोई भी वस्तु बिना बनाये नही बनती अतः संसार भी किसी ने अवश्य बनाया हैयही तो ईश्वर है।

#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम #संगरिया #राजस्थान #पंजाब #हरियाणा

#देखना साथ हीं छूटे न #बुजुर्गों 👴👵का कहीं ,
पत्ते🌿☘️ पेड़ों पर लगे हों तो हरे रहते हैं |🌳


#अंतर्राष्ट्रीय_वृद्धजन_दिवस 🌺

पर सभी देवतुल्य बुजुर्गों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं |🌹
सुख ,समृद्धि और स्वाभिमान को संजोनेवाले बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है उनका सम्मान करें।
नतमस्तक नमन🌺💐☘️🌹💐🎖️🙏🙏🙏
समस्त देशवासियों को ‘विजयादशमी’ की हार्दिक शुभकामनाएं।
बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का यह महापर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा व प्रेरणा का संचार करे।
 देशवासियों को विजय के प्रतीक-पर्व विजयादशमी की बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि यह पावन अवसर हर किसी के जीवन में साहस, संयम और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आए।

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#देखना साथ हीं छूटे न #बुजुर्गों 👴👵का कहीं ,
पत्ते🌿☘️ पेड़ों पर लगे हों तो हरे रहते हैं |🌳

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पर सभी देवतुल्य बुजुर्गों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं |🌹
सुख ,समृद्धि और स्वाभिमान को संजोनेवाले बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है उनका सम्मान करें।
नतमस्तक नमन🌺💐☘️🌹💐🎖️🙏🙏🙏

#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम #संगरिया #राजस्थान #पंजाब #हरियाणा#देखना साथ हीं छूटे न #बुजुर्गों 👴👵का कहीं ,पत्ते🌿☘️ पेड़ों पर लगे हों तो हरे रहते हैं |🌳#अंतर्राष्ट्रीय_वृद्धजन_दिवस 🌺पर सभी देवतुल्य बुजुर्गों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं |🌹सुख ,समृद्धि और स्वाभिमान को संजोनेवाले बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है उनका सम्मान करें।नतमस्तक नमन🌺💐☘️🌹💐🎖️🙏🙏🙏
ईश्वर कौन है ?

कौन चलाता है यह दुनियां को ??? कहाँ है ईश्वर??
तुम माँ के पेट में थे नौ महीने तक, कोई दुकान तो चलाते नहीं थे,
फिर भी जिए।
हाथ—पैर भी न थे कि भोजन कर लो,
फिर भी जिए।
श्वास लेने का भी
उपाय न था,
फिर भी जिए।
नौ महीने माँ के पेट में तुम थे,
कैसे जिए?
तुम्हारी मर्जी क्या थी?
किसकी मर्जी से जिए?
फिर माँ के गर्भ से जन्म हुआ, जन्मते ही, जन्म के पहले ही माँ के स्तनों में दूध भर आया,
किसकी मर्जी से?
अभी दूध को पीनेवाला
आने ही वाला है कि
दूध तैयार है,
किसकी मर्जी से?
गर्भ से बाहर होते ही
तुमने कभी इसके पहले
साँस नहीं ली थी माँ के पेट में
तो माँ की साँस से ही
काम चलता था—
लेकिन जैसे ही तुम्हें
माँ से बाहर होने का
अवसर आया,
तत्क्षण तुमने साँस ली,
किसने सिखाया?
पहले कभी साँस ली नहीं थी,
किसी पाठशाला में गए नहीं थे,
किसने सिखाया कैसे साँस लो?
किसकी मर्जी से?
फिर कौन पचाता है तुम्हारे दूध को
जो तुम पीते हो,
और तुम्हारे भोजन को?
कौन उसे हड्डी—मांस—मज्जा में बदलता है?
किसने तुम्हें जीवन की
सारी प्रक्रियाएँ दी हैं?
कौन जब तुम थक जाते हो
तुम्हें सुला देता है?
और कौन जब तुम्हारी
नींद पूरी हो जाती है
तुम्हें उठा देता है?
कौन चलाता है इन चाँद—सूर्यों को?
कौन इन वृक्षों को हरा रखता है?
कौन खिलाता है फूल
अनंत—अनंत रंगों के
और गंधों के?
इतने विराट का आयोजन
जिस स्रोत से चल रहा है,
एक तुम्हारी छोटी—सी जिंदगी
उसके सहारे न चल सकेगी?
थोड़ा सोचो,
थोड़ा ध्यान करो।
अगर इस विराट के आयोजन को
तुम चलते हुए देख रहे हो,
कहीं तो कोई व्यवधान नहीं है,
सब सुंदर चल रहा है,
सुंदरतम चल रहा है;
ईश्वर दिखता नही बल्कि दिखाता है
ईश्वर सुनता नही बल्कि सुनने की शक्ति देता है
संसार में कोई भी वस्तु बिना बनाये नही बनती अतः संसार भी किसी ने अवश्य बनाया है
यही तो ईश्वर है।

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कुछ ना पा सके तो क्या गम है, माँ-बाप को पाया है ये क्या कम है, जो थोड़ी सी जगह मिली इनके क़दमों में वो क्या किसी जन्नत से कम है।By वनिता कासनियां पंजाबएक रोटी के चार टुकड़े हो और खाने वाले पाँच तब "मुझे भूख नहीं है" ऐसा कहने वाली सिर्फ माँ होती है।हर बात को तुम भूलो भले माँ-बाप को मत भूलना, उपकार इनके लाखों है इस बात को मत भूलना।एक हस्ती है जो जान है मेरी, जो आन से बढ़कर मान है मेरी, खुदा हुकुम दे तो कर दू सजदा उसे क्यों की वो कोई और नहीं माँ है मेरी।धरती पर ईश्वर की तलाश है, मालिक तेरा बन्दा कितना निराश है, क्यों खोजता है इंसान ईश्वर को जबकि तेरे दुसरे रूप में माँ-बाप उनके इतने पास है।

कुछ ना पा सके तो क्या गम है, माँ-बाप को पाया है ये क्या कम है, जो थोड़ी सी जगह मिली इनके क़दमों में वो क्या किसी जन्नत से कम है। By वनिता कासनियां पंजाब एक रोटी के चार टुकड़े हो और खाने वाले पाँच तब "मुझे भूख नहीं है" ऐसा कहने वाली सिर्फ माँ होती है। हर बात को तुम भूलो भले माँ-बाप को मत भूलना, उपकार इनके लाखों है इस बात को मत भूलना। एक हस्ती है जो जान है मेरी, जो आन से बढ़कर मान है मेरी, खुदा हुकुम दे तो कर दू सजदा उसे क्यों की वो कोई और नहीं माँ है मेरी। धरती पर ईश्वर की तलाश है, मालिक तेरा बन्दा कितना निराश है, क्यों खोजता है इंसान ईश्वर को जबकि तेरे दुसरे रूप में माँ-बाप उनके इतने पास है।

समस्त देशवासियों को ‘विजयादशमी’ की हार्दिक शुभकामनाएं।बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का यह महापर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा व प्रेरणा का संचार करे। देशवासियों को विजय के प्रतीक-पर्व विजयादशमी की बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि यह पावन अवसर हर किसी के जीवन में साहस, संयम और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आए।#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम #संगरिया #राजस्थान #पंजाब #हरियाणा#देखना साथ हीं छूटे न #बुजुर्गों 👴👵का कहीं ,पत्ते🌿☘️ पेड़ों पर लगे हों तो हरे रहते हैं |🌳#अंतर्राष्ट्रीय_वृद्धजन_दिवस 🌺पर सभी देवतुल्य बुजुर्गों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं |🌹सुख ,समृद्धि और स्वाभिमान को संजोनेवाले बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है उनका सम्मान करें।नतमस्तक नमन🌺💐☘️🌹💐🎖️🙏🙏🙏

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