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माँ-बाप हमें बचपन में शहजादों की तरह पालते है तो हमारा भी फर्ज बनता है की बुढ़ापे में हम उन्हें बादशाहों की तरह रखें।वनिता कासनियां पंजाब द्वारामाँ-बाप की तकलीफों को कभी नजरअंदाज मत करना, जब ये बिछड़ जाते है तो रेशम के तकिये पर भी नींद नहीं आती।माँ की ममता और पिता की क्षमता का अंदाजा लगाना असंभव है।लोग माता-पिता की नसीहत तो भूल जाते है लेकिन वसीहत नहीं भूलते।शौक तो माँ-बाप के पैसों से पुरे होते है अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पूरी होती है।किसी ने माँ के कंधें पर सर रख के पूछा की माँ कब तक अपने कंधे पर सोने दोगी, माँ बोली जब तक लोग मुझे अपने कंधे पर न उठा ले।

माँ-बाप हमें बचपन में शहजादों की तरह पालते है तो हमारा भी फर्ज बनता है की बुढ़ापे में हम उन्हें बादशाहों की तरह रखें।
वनिता कासनियां पंजाब द्वारा
माँ-बाप की तकलीफों को कभी नजरअंदाज मत करना, जब ये बिछड़ जाते है तो रेशम के तकिये पर भी नींद नहीं आती।
माँ की ममता और पिता की क्षमता का अंदाजा लगाना असंभव है।
लोग माता-पिता की नसीहत तो भूल जाते है लेकिन वसीहत नहीं भूलते।
शौक तो माँ-बाप के पैसों से पुरे होते है अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पूरी होती है।

किसी ने माँ के कंधें पर सर रख के पूछा की माँ कब तक अपने कंधे पर सोने दोगी, माँ बोली जब तक लोग मुझे अपने कंधे पर न उठा ले।

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कुछ ना पा सके तो क्या गम है, माँ-बाप को पाया है ये क्या कम है, जो थोड़ी सी जगह मिली इनके क़दमों में वो क्या किसी जन्नत से कम है।By वनिता कासनियां पंजाबएक रोटी के चार टुकड़े हो और खाने वाले पाँच तब "मुझे भूख नहीं है" ऐसा कहने वाली सिर्फ माँ होती है।हर बात को तुम भूलो भले माँ-बाप को मत भूलना, उपकार इनके लाखों है इस बात को मत भूलना।एक हस्ती है जो जान है मेरी, जो आन से बढ़कर मान है मेरी, खुदा हुकुम दे तो कर दू सजदा उसे क्यों की वो कोई और नहीं माँ है मेरी।धरती पर ईश्वर की तलाश है, मालिक तेरा बन्दा कितना निराश है, क्यों खोजता है इंसान ईश्वर को जबकि तेरे दुसरे रूप में माँ-बाप उनके इतने पास है।

कुछ ना पा सके तो क्या गम है, माँ-बाप को पाया है ये क्या कम है, जो थोड़ी सी जगह मिली इनके क़दमों में वो क्या किसी जन्नत से कम है। By वनिता कासनियां पंजाब एक रोटी के चार टुकड़े हो और खाने वाले पाँच तब "मुझे भूख नहीं है" ऐसा कहने वाली सिर्फ माँ होती है। हर बात को तुम भूलो भले माँ-बाप को मत भूलना, उपकार इनके लाखों है इस बात को मत भूलना। एक हस्ती है जो जान है मेरी, जो आन से बढ़कर मान है मेरी, खुदा हुकुम दे तो कर दू सजदा उसे क्यों की वो कोई और नहीं माँ है मेरी। धरती पर ईश्वर की तलाश है, मालिक तेरा बन्दा कितना निराश है, क्यों खोजता है इंसान ईश्वर को जबकि तेरे दुसरे रूप में माँ-बाप उनके इतने पास है।

समस्त देशवासियों को ‘विजयादशमी’ की हार्दिक शुभकामनाएं।बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का यह महापर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा व प्रेरणा का संचार करे। देशवासियों को विजय के प्रतीक-पर्व विजयादशमी की बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि यह पावन अवसर हर किसी के जीवन में साहस, संयम और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आए।#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम #संगरिया #राजस्थान #पंजाब #हरियाणा#देखना साथ हीं छूटे न #बुजुर्गों 👴👵का कहीं ,पत्ते🌿☘️ पेड़ों पर लगे हों तो हरे रहते हैं |🌳#अंतर्राष्ट्रीय_वृद्धजन_दिवस 🌺पर सभी देवतुल्य बुजुर्गों को मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं |🌹सुख ,समृद्धि और स्वाभिमान को संजोनेवाले बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर है उनका सम्मान करें।नतमस्तक नमन🌺💐☘️🌹💐🎖️🙏🙏🙏

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